मार्केट आउटलुक : 6 से 12 अक्टूबर 2025 साप्ताहिक बाज़ार विश्लेषण
- Pushpendra Chaturvedi
- Oct 6
- 7 min read
इन्वेस्टएंडअर्न.इन पर इस सप्ताह के बाजार आउटलुक में आपका स्वागत है। 6-12 अक्टूबर 2025 में प्रवेश करते हुए, भारतीय बाजार वैश्विक अनिश्चितताओं और घरेलू आय सीजन के बीच आशावाद और सतर्कता के मिश्रण के लिए तैयार हैं। इस संस्करण में पिछले सप्ताह (29 सितंबर - 5 अक्टूबर 2025) के प्रमुख हाइलाइट्स और अगले सप्ताह के लिए हमारी आगे की नजरिया विश्लेषण शामिल है।
भारतीय बाजार अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में RBI की मौद्रिक नीति के बाद तेजी के साथ प्रवेश कर रहे हैं। सभी प्रमुख वर्गों की स्थिति और पूर्वानुमान नीचे दिए गए हैं।
1. पिछला सप्ताह: परिणाम और समीक्षा
सप्ताह वैश्विक व्यापार तनावों, अमेरिकी एच-1बी वीजा नीति चिंताओं और आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) बैठक की प्रत्याशा से चिह्नित अस्थिरता का था। निफ्टी 50 ने अपनी तीन-सप्ताह की जीत की लकीर तोड़ी, इन कारकों के दबाव में 2.6% गिर गया। 29 सितंबर को, सेंसेक्स सातवें सत्र के लिए गिरा, 61 अंक गिराकर निचले स्तर पर बंद हुआ, जबकि इंट्राडे स्विंग्स ने व्यापारियों को सतर्क रखा। सेक्टर-वार, शीर्ष 10 सेक्टरों ने -1.92% रिटर्न दिए, जबकि निचले 10 ने -4.96% पर खराब प्रदर्शन किया, व्यापक कमजोरी को दर्शाते हुए।
हालांकि, अवकाश-संक्षिप्त सप्ताह में आंशिक रिबाउंड देखा गया, जिसमें 4 अक्टूबर को समापन पर सेंसेक्स 780.71 अंक (0.97%) चढ़ा और निफ्टी 239.55 अंक (0.97%) बढ़ा, सकारात्मक मैक्रोइकॉनॉमिक संकेतों से समर्थित। प्रमुख दबाव आईटी और फार्मा में थे, जबकि धातु और पीएसयू ने लचीलापन दिखाया। कुल मिलाकर, निवेशक भावना सतर्क रही, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के शुद्ध विक्रेता होने के बीच वैश्विक प्रतिकूलताओं के कारण।
3 अक्तूबर को समाप्त हुए सप्ताह में बाज़ार ने झटके के बाद रिकवरी दिखाई। Nifty में मामूली बढ़त आई, निवेशकों ने सौदेबाज़ी का रुख अपनाया।
सितंबर में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs) लगातार शुद्ध विक्रेता रहे, और मुद्राप्रवाह बाहर निकलने की प्रवृत्ति जारी रही।
सकारात्मक संकेतों में, HSBC ने भारतीय इक्विटीज को “ओवरवेट” रेटिंग दी, क्योंकि अन्य एशियाई बाजारों की तुलना में भारत की शेयरों की वैल्यूएशन अधिक आकर्षक मानी गई।
तकनीकी दृष्टिकोण से, Nifty ने 100-दिवसीय EMA ऊपर बना रखा, जो एक आधार का संकेत है, लेकिन ऊपर की ओर ~ 25,000 स्तर एक चुनौती बनेगा।
सेक्टर स्तर पर चक्रीय (cyclical) और रिकवरी-संवेदनशील सेक्टरों को कुछ समर्थन मिला, वहीं अस्थिर और हाई-बेटा हिस्सों में दबाव बना रहा।
कुल मिलाकर, बाजार ने भले ही स्थिरता की ओर संकेत दिया, पर वैश्विक अनिश्चितताओं और विदेशी प्रवाह दबाव के कारण पृष्ठभूमि नाजुक बनी हुई है।
इक्विटी:
सेंसेक्स और निफ्टी ने आठ दिन की गिरावट का सिलसिला तोड़ते हुए सप्ताह 0.9% और 1% ऊपर बंद किया।
बैंकिंग शेयरों ने RBI द्वारा रेपो रेट 5.5% पर स्थिर रखने और GDP ग्रोथ 6.8% रहने के अनुमानों के कारण मजबूती दिखाई।
टाटा मोटर्स, कोटक महिंद्रा बैंक, ट्रेंट, सन फार्मा मुख्य लाभार्थी रहे।
कमोडिटी:
सोना-चांदी में ऐतिहासिक तेजी जारी, इस साल अब तक कीमतें 47% और 52% चढ़ चुकी हैं।
हल्का सुधार देखने को मिला लेकिन अंतरराष्ट्रीय और MCX दरें रिकॉर्ड ऊंचाई के आसपास।
कच्चे तेल के दाम अपरिवर्तित रहे।
मनी मार्केट:
RBI की न्यूट्रल नीति और समर्थक वातावरण के कारण बॉन्ड व शॉर्ट टर्म रेट्स स्थिर रहे।
2. इक्विटी बाजार आउटलुक [6 से 12 अक्टूबर 2025 के लिए मार्केट आउटलुक]
इक्विटी बाजारों में निरंतर ऊपरी गति की उम्मीद है, टीसीएस जैसे भारीवजन के क्यू2 आय और आईपीओ की श्रृंखला से प्रेरित। निफ्टी का लक्ष्य 25,400 अनुमानित है, 25,600 के ऊपर निर्णायक ब्रेकआउट की संभावना के साथ, जबकि सेंसेक्स रिकॉर्ड स्तरों के पास नए उच्च स्तरों पर नजर रखेगा। 6, 7 और 9 अक्टूबर को उच्च-अस्थिरता वाले दिन तीव्र गतिविधियां देख सकते हैं, निफ्टी के लिए प्रमुख समर्थन 24,700 पर और प्रतिरोध 25,200 पर। धातु, पीएसयू और उपभोग जैसे सेक्टर लाभ का नेतृत्व करने की संभावना है, घरेलू विकास संभावनाओं से समर्थित। हालांकि, अमेरिकी फंडिंग बिलों और फेड संकेतों जैसे वैश्विक संकेतों से झूलन आ सकते हैं—व्यापारियों को मैक्रोइकॉनॉमिक डेटा रिलीज पर नजर रखनी चाहिए। कुल टोन: सतर्क रूप से आशावादी, यदि आय सकारात्मक आश्चर्य पैदा करें तो तेजी का पूर्वाग्रह
निफ्टी (24,836 स्तर) का प्रमुख सपोर्ट 24,805 और रेजिस्टेंस 25,001/25,082।
6, 7 और 9 अक्टूबर को ज्यादा उतार-चढ़ाव की उम्मीद है; कम अवधि वाले ट्रेडर्स को सावधानी रखनी चाहिए।
ग्लोबल ट्रिगर्स स्थिर रहे तो सकारात्मक रुझान जारी रह सकता है।
3. IPO, NFO और ETF लॉन्च अपेक्षाएँ
इस सप्ताह प्रमुख फोकस Tata Capital IPO पर रहेगा, जो 6 से 8 अक्तूबर के बीच खुलेगा। दर ₹310–₹326 रखी गयी है और कुल राशि लगभग ₹15,511 करोड़ (fresh + OFS) रहने की संभावना है।
LG Electronics India IPO 7–9 अक्तूबर के बीच प्रस्तावित है, यह OFS आधारित होगा और मूल्य सीमा ₹1,080–₹1,140 है।
WeWork India Management IPO भी प्रारंभिक अक्तूबर में आने की संभावना है।
ये तीन IPOs मिलकर इस महीने की प्राथमिक बाजार गतिविधि को ऊँचाई पर ले सकते हैं, और अक्टूबर को सबसे व्यस्त IPO महीनों में से एक बना सकते हैं।
फिलहाल मुझे इस सप्ताह के लिए किसी निश्चित नए NFO या ETF लॉन्च की खबर नहीं मिली है। यदि बाज़ार माहौल अनुकूल हुआ, फंड हाउस थिमेटिक ETF / नए एसएमई फंड्स ला सकते हैं।
निवेशकों को यह देखना चाहिए कि रिटेल और संस्थागत मांग कैसे विभाजित होती है।
जो बातें ध्यान देने योग्य हैं
ज़्यादा IPOs एक साथ आ जाने से मांग विभाजित हो सकती है।
Grey Market Premium (GMP) की प्रवृत्ति महत्वपूर्ण होगी — टाटा और LG के लिए GMP संकेतों में मिश्रित रुझान दिख रहे हैं।
केवल IPO की घोषणाओं पर भरोसा न करें — सब्सक्रिप्शन पैटर्न और अंततः लिस्टिंग गतिशीलता ही सफलता तय करेगी।
ETF
डीएसपी निफ्टी500 फ्लेक्सीकैप क्वालिटी 30 ईटीएफ (DSP Nifty500 Flexicap Quality 30 ETF) का एनएफओ 6 अक्टूबर को बंद—भारत का पहला फ्लेक्सीकैप ईटीएफ, विविध गुणवत्ता एक्सपोजर के लिए आदर्श। इसके अलावा, कोटक निफ्टी 200 मोमेंटम 30 ईटीएफ 6 अक्टूबर को बंद।
मोतीलाल ओसवाल, ICICI प्रूडेंशियल और Invesco इंडिया कंजम्प्शन फंड्स 15-17 अक्टूबर तक खुले रहेंगे।
कोटक गोल्ड सिल्वर FoF 6 अक्टूबर को लॉन्च, 20 अक्टूबर तक खुलेगा।
NFO
एनएफओ के लिए, इस महीने फ्लेक्सीकैप से रियल्टी तक नौ योजनाएं खुली हैं। हाइलाइट्स:
आईसीआईसीआई प्रू कॉन्ग्लोमरेट फंड: 3-17 अक्टूबर खुला; सेक्टरल/थीमेटिक इक्विटी फोकस।
इन्वेस्को इंडिया कंजम्प्शन फंड: 3-17 अक्टूबर खुला; उपभोग विकास को लक्षित करने वाली इक्विटी योजना।
SME आईपीओ:
श्लोकका डाइज (6 अक्टूबर को बंद) और ग्रीनलीफ एनवायरोटेक (6 अक्टूबर को बंद), 9 अक्टूबर को लिस्टिंग।
4. कमोडिटी बाज़ार की दृष्टि : मार्केट आउटलुक
कमोडिटीज "सुपर बुल रन" में बनी हुई हैं, सोना 47% और चांदी 52% वाईटीडी ऊपर, दीवाली 2025 से पहले उत्सवी मांग से प्रेरित। सोने की कीमतें अगले सप्ताह अस्थिर रह सकती हैं, अमेरिकी सरकार फंडिंग विकासों और फेड संकेतों से प्रभावित—₹1,16,000-₹1,18,000 प्रति 10ग्राम के आसपास समेकन की उम्मीद, सकारात्मक संकेतों पर ₹1,20,000 तक ऊपरी संभावना। चांदी इसकी नकल कर सकती है, ₹90,000/किग्रा लक्ष्य।
तेल प्रतिकूलताओं का सामना कर रहा है, वैश्विक अधिशेषों (2025 में 2 मिलियन बीपीडी) के कारण अक्टूबर में कमजोरी के पूर्वानुमान। ब्रेंट $70-75/बैरल पर मंडरा सकता है। औद्योगिक मांग पर तांबे जैसे बेस मेटल्स उछाल सकते हैं, जबकि सामान्य मानसून आउटलुक से कृषि-कमोडिटीज लाभान्वित होंगी। रणनीति: कीमती धातुओं में डिप्स खरीदें; ऊर्जा पर साइडलाइन रहें।
सोना एवं चांदी: वैश्विक अनिश्चितता बने रहने पर सुरक्षित निवेश (safe-haven) के रूप में इनकी मांग बनी रह सकती है।
कच्चा तेल / ऊर्जा: तेल की कीमतें बड़ी भूमिका निभाएंगी — यदि आपूर्ति में बाधा या geopolitics की घटना हो जाए, तो तेल ऊपर जा सकता है, जिससे मुद्रास्फीति बढ़ सकती है और इक्विटी पर दबाव बनेगा।
कृषि और बेस धातुएँ: मौसमी पैटर्न, मानसून प्रभाव और चीन जैसी अर्थव्यवस्थाओं की मांग तय करेगी दिशा। मिश्रित प्रदर्शन की संभावना ज्यादा है।
MCX पर वॉल्यूम और ओपन इंटरेस्ट का रुझान महत्वपूर्ण रहेगा— समर्थन एवं प्रतिरोध स्तरों के आसपास व्यापारी व्यवहार पर ध्यान दें।
यदि वैश्विक संकेत अनुकूल हों (जैसे आपूर्ति संकुचन कम होना, डॉलर कमजोर होना), तो कमोडिटी में तेजी आ सकती है।
सोना दिवाली (21 अक्टूबर) तक ₹1,22,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।
चांदी ₹1,50,000-₹1,58,000 प्रति किलो तक जा सकती है, त्योहारों और ग्रीन एनर्जी की मांग बढ़ने पर।
कच्चा तेल कमजोर, सोना-चांदी वैश्विक अनिश्चितता के प्रमुख संकेतक बने हुए हैं।
5 . मुद्रा बाजार / फिक्स्ड इनकम दृष्टिकोण : मार्केट आउटलुक
आरबीआई का अक्टूबर एमपीसी निर्णय मनी मार्केट को एंकर करता है, जिसमें न्यूट्रल स्टांस के तहत रेपो दर 5.50% पर स्थिर रखी गई। मुद्रास्फीति 8-वर्ष के निम्न 2.6% पर आसान हुई, एफवाई26 जीडीपी विकास को 6.8% ऊपर संशोधित करने में सक्षम। यह सहायक वातावरण फिक्स्ड-इनकम निवेशकों के पक्ष में है, 10-वर्षीय जी-सेक पर यील्ड 6.8-7.0% पर स्थिर रहने की संभावना।
एमपीसी के बाद तरलता पर्याप्त बनी हुई है, लेकिन आईपीओ से प्रवाह शॉर्ट-टर्म दरों को प्रभावित कर सकते हैं। कॉर्पोरेट बॉन्ड इश्यूएंस बढ़ सकते हैं, एए+ पेपर्स में 7-8% यील्ड ऑफर करते हुए। आउटलुक: सौम्य मुद्रास्फीति और स्थिर दरें सॉफ्ट लैंडिंग का संकेत देती हैं—डेट फंड्स में अवधि विस्तार के लिए आदर्श।
RBI की न्यूट्रल नीति, स्थिर रेपो रेट और बढ़ी GDP ग्रोथ प्रक्षेपण से रुपये और सरकार की प्रतिभूतियों में भरोसा बढ़ा है।
मज़बूत मांग, निवेश और सरकारी खर्च से लिक्विडिटी, क्रेडिट ग्रोथ और बॉन्ड बाजार को सहारा मिलेगा।
सरकारी प्रतिभूतियों पर यील्ड: 1–5 वर्ष खंड में यदि मुद्रास्फीति बढ़े तो यील्ड थोड़ा ऊपर जा सकती है; लंबी अवधि (10 वर्ष+) वैश्विक यील्ड और विदेशी मांग पर निर्भर करेगा।
कॉर्पोरेट बॉन्ड स्प्रेड्स में सुधार की गुंजाइश है यदि क्रेडिट सेंटिमेंट सुधरे, लेकिन जोखिम प्रीमियम तब तक ऊँचा रहेगा जब तक मैक्रो धारणा स्पष्ट नहीं होती।
CPs, CDs की यील्ड बनी रह सकती है, जिससे शॉर्ट-ड्यूरेशन डेट फंड बेहतर विकल्प हो सकते हैं।
6 . इस सप्ताह की दिशा (6–12 अक्तूबर)
सेक्टर | संभावित रुझान / मुख्य थीम्स |
इक्विटी मार्केट आउटलुक | उतार-चढ़ाव संभव है। यदि कोई मजबूत ट्रिगर नहीं आए, तो सीमित रेंज में कारोबार की संभावना। Nifty के लिए 24,500–25,000 बैंड महत्वपूर्ण रहेगा। |
IPO / प्राथमिक बाज़ार | Tata Capital में भारी सब्सक्रिप्शन की उम्मीद। GMP और सब्सक्रिप्शन डेटा पर नजर। यदि मांग बनी रहे तो लिस्टिंग लाभ संभव। |
कमोडिटी मार्केट आउटलुक | अशांति बढ़े तो सोना बेहतर प्रदर्शन कर सकता है। तेल, ऊर्जा कीमतें बाजार भावना एवं मुद्रास्फीति को प्रभावित करेंगी। |
मुद्रा / दरें | स्थिरता के बीच अवसर की खोज। यदि मुद्रास्फीति चौंकाने वाला हो, तो यील्ड ऊपर जा सकती है। |
ध्यान देने योग्य बिंदु
वैश्विक मुद्रास्फीति और अमेरिकी फेड की टिप्पणियाँ
भारत CPI / WPI डेटा
Q2 की कॉर्पोरेट आय घोषणाएँ
RBI के बयान या नीति संबंधी संकेत
विदेशी प्रवाह (FII / FPI)
IPO सब्सक्रिप्शन प्रवृत्ति एवं आवंटन प्रतिक्रिया
संक्षेप में, अगला सप्ताह अवसर और जोखिम दोनों लेकर आ सकता है। निवेशकों को अनुशासित रणनीति अपनानी चाहिए, जोखिम प्रबंधन पर ध्यान देना चाहिए, और पुष्टि हुए संकेतों के आधार पर ही आगे बढ़ना चाहिए।
डिस्क्लेमर: यह आउटलुक सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए ही है और निवेश सलाह नहीं है। बाजार जोखिमों के अधीन हैं; कार्य करने से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें। डेटा 6 अक्टूबर 2025 तक।
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